चित्र गुगल साभार
जानता हुॅ मैं
तुम मुझसे प्यार नहीं करती।
उस दिन से ही
जब तुम
मेरी जिदंगी में आई थी।
इशारों ही इशारों में
कई बार
तुमने कोशीश भी की
मुझे बताने की।
बावजुद इसके
मैं तुमसे बेइन्तहॉ
मोहब्बत करता हॅु।
उस परवाने की तरह
जो जानता है कि
शमॉ की आगोश में
सिमटते ही
उसकी जिदंगी की
आखरी शाम हो जाएगी।